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सोमवार, 27 अप्रैल 2015

एक आशा की किरण टेस्ट टयूब बेबी - क्या आप जानते है कि इसका लाभ आप भी उठा सकते है ?

बांझपन के उपचार दवाओं हो सकता है या शल्य चिकित्सा तकनीक के साथ, दवाओं के साथ हम फिर शुक्राणु को पूरा करने और गर्भावस्था जगह ले सकते हैं, जो स्वस्थ अंडे बनाने के लिए अंडाशय को प्रोत्साहित कर सकते हैं। कुछ समय वे गर्भाशय के भीतर संरचनात्मक असामान्यताओं हो सकता है या वे शल्य चिकित्सा resected करने की आवश्यकता कर सकते हैं जो कुछ फाइब्रॉएड हो सकता है। फिर भी सर्जरी की जरूरत नहीं है, कुछ समय hysteroscopically या laparoscopically का इलाज करने की आवश्यकता होगी और उसके बाद आप महिला गर्भवती पाने के लिए जा रहा है कि उम्मीद है कि किसी तरह का हो सकता है जो cornual ब्लॉक हो सकता है।

गर्भवती होने के अन्य सभी तकनीकों unsuccessfull कर रहे हैं, तो मरीज आईवीएफ के लिए जाने की सलाह दी है। इन विट्रो निषेचन में जो कहा जाता है

http://infertilitytreatmentsinindia.blogspot.in/p/contact-doctor.html

आईवीएफ महिलाओं अंडे कई हार्मोनल इंजेक्शन द्वारा गठित कर रहे हैं, जिसमें एक सरल तकनीक है। अंडे तो परिपक्व होते हैं और वे शल्य चिकित्सा संज्ञाहरण के तहत प्राप्त कर रहे हैं। ये अंडे तो शुक्राणुओं में डाल रहे हैं, जिसमें टेस्ट ट्यूब में प्रयोगशाला में ले जाया जाता है और भ्रूण का गठन। दिन 3 या 5 दिन में स्वस्थ भ्रूण, भ्रूण वापस आईवीएफ की women.The परिणाम के गर्भाशय गुहा में retransfered कर रहे हैं जब भ्रूण के हस्तांतरण के 14 दिनों के बाद अस्तित्व में किया जा सकता है।

आईवीएफ तकनीक से ब्रिटेन में 1978 में शुरू किया था और उसके बाद से लगभग सभी देशों में अब बहुत अच्छी तरह से इस तकनीक के साथ अनुभव कर रहे हैं। वे आईवीएफ के साथ अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। क्योंकि कुछ समस्याओं और इन जोड़ों के लिए अपने वास्तव में मददगार तकनीक की गर्भवती प्राप्त करने में असमर्थ रहे हैं, जो जोड़ों के लिए आशा की इसकी दे रही है बहुत।

उपजाऊ समाधान आईवीएफ एंड रिसर्च सेंटर बांझपन के उपचार और आईवीएफ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रसिद्ध आईवीएफ अस्पताल Delhi.Our में विशेषज्ञता गर्भावस्था को प्राप्त हमारे रोगियों के बहुमत में मदद मिली है है। अधिक जानकारी के लिए, देखें:www.fertility-treatment.in



मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

आई वी एफ


इन विट्रो -फर्टिलाइजेशन (आई वी एफ ) IVF या कित्रम गर्भाधान तकनीक उन महिलाओ के लिए है जो बाँझपन की शिकार है । दुनिया के सब से पहले आई वी एफ IVF शिशु लुइस ब्राउन का जन्म 25 जुलाई 1978 को बिर्टेन में हुआ था । भारत की पहली आई वी एफ IVF शिशु दुर्गा का जन्म 3 अक्टूबर 1978 को हुआ था । यह पर हम आपको इस तकनीक के बारे में जानकारी दे रहे है । 


आई वी एफ के योग्य महिलाये : नला (फैलोपियन ट्यूब) औरत के शरीर में अंडे को बच्चेदानी तक ले जाने का काम करती है। 

जब ये ट्यूब खराब होती है ऐसे में आई वी एफ IVF के माध्यम से उनको माँ बनने में मदद की जाती है ।

पुरुष के वीर्य में शुक्राणु कम होना, किसी अज्ञात कारण से गर्भधारण न होना ऐसे में आई वी एफ ही एक सफल उपचार है । 

कैसे होता है आई वी एफ: इस प्रकिर्या में मरीज को हार्मोन के इंजेक्शन दिए जाते ताकि उसके शरीर में अधिक कोशिकाएं बने  
निशिचित समय पर अंडाणु को अंडकोष से निकल लिया जाता है और नियन्त्रित वातावरण में शुक्राणु से उसका निशेचन करया जाता है । इस के बाद तैयार हुए भूर्ण को गर्भाशय में रख दिया जाता है । 

1. सारे प्रजनन चिकित्सा असफल होने आई वी एफ IVF इस्तेमाल किया जाता है 

2. आई वी एफ IVF के लिए एक सवस्थ अंडाणु , निषेचित करने वाले शुक्राणु , गर्भाशया आवश्यक है । 

3. परन्तु यह तकनीक बहुत महंगी है और सफलता एक ही बार में मिले यह जरूरी नहीं है । 

4 . इसकी सफलता दर 40 से 60 % है । यह सफलता दर उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाती है । 

5. जुड़वाँ बच्चो के जन्म के आसार भी अधिक है। 

6 . आज के समय में बांझपन से जूझ रहे दम्पतियों के लिए आई वी एफ एक आशा की किरण हैं ।

अगर आप आदिक जानकारी चहेते है तो आप हमारी वेबसाइट पर जाऍ

या हमे इमेल करें info.fertilityhospital@gmail.com

गुरुवार, 15 जनवरी 2015

डॉक्टर के पास कब जाएं ?



नि संतान दम्पति लम्बे समय तक डॉक्टरी सहायता में उलझे रहते हैं

ईलाज के बारे में उपयुक्त जानकारी उपलब्ध होने के कारण समस्या गंभीर होने लगती है मरीज तो इस बात से ही बेखबर होते हैं कि डॉक्टरी सहायता कब और किस डॉक्टर से लेनी चाहिए औरतों के पास समय सिमित होता है | इस समय में औरत की जनन -शक्ति पूरी कायम होती है अधिक समय बीत जाने पर मीनोपॉज (मासिक धर्म का बंद हो जाना ) तक पहुँच जाती है और ऐसा होने से विशेसग्य और नि संतान दम्पत्ति दोनों के लिए कठिनाई उत्पन्न हो जाती हैं यदि आरंभ में ही नि:सन्तता का कारण पता चल जाये तो मरीज के ठीक होने की संभावना बहुत अधिक् होती है

संतान के लिए इछुक दम्पत्ति की ओर से एक वर्ष तक कोशिश करने के बावजूद संतान प्राप्त करने में सफलता मिलती हुई दिखाई दे तो उसे तुरंत नि :संतान रोगों के विशेसग्य से डॉक्टरी सहायता लेनी चाहिए औरत की आयु 25 वर्ष हो तो एक वर्ष तक इंतज़ार किया जा सकता है
इससे अधिक आयु में एक वर्ष के इंतज़ार का समय भी अधिक है 35 वर्ष तक छह महीने बाद और 40 वर्ष तक 3 महीने बाद डॉक्टरी सहायता के विशेसग्य से संपर्क करना चाहिए


40 वर्ष से अधिक आयु वाली प्रत्येक इछुक औरत को डॉक्टरी सहायता की आव्शयकता होती हैं यदि औरत को पहले से ही इस बात की पता हो तो उससे अनियमित माहवारी,एंड्रोमेट्रोसिस , पॉलीसिस्टिक ओवरी हैं या उसका पहला गर्भ टियूब में ठहरा हैं तो एक दिन का भी इंतज़ार किये भीना बिना तुरंत डॉक्टरी सहायता ले

अगर आप आदिक जानकारी चहेते है तो आप हमारी वेबसाइट पर जाऍ

या हमे इमेल करें info.fertilityhospital@gmail.com